Jaat vs Gadar 2: तारा सिंह ने बॉर्डर तोड़ दिया था, पर ‘जाट’ बॉक्स ऑफिस का गेट भी नहीं खोल पाया! सनी पाजी… क्यूं यारा?
अब देखो, जब भी सनी देओल का नाम आता है, तो दिमाग में सबसे पहले हथौड़ा, ज़ोरदार “ढाई किलो का हाथ” और “हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है, जिंदाबाद रहेगा” गूंजने लगता है। लेकिन अफ़सोस… ‘जाट’ फिल्म के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ!
क्रेज था, लेकिन क्लैश नहीं कर पाया!
‘गदर 2’ ने जब थिएटर में एंट्री मारी थी, तो सनी पाजी तारा सिंह बनकर बॉर्डर पार कर गए थे और बॉक्स ऑफिस पर दंगल मचा दिया था। हर शो हाउसफुल, हर डायलॉग पे सीटियां। लेकिन ‘जाट’ आई तो लोगों ने कहा, “अरे, ये भी रिलीज़ हो गई क्या?”

ओपनिंग डे पर 9.50 करोड़ की कमाई – अब सनी देओल के नाम से ये आंकड़ा थोड़ा शर्मिंदा करने वाला है। जिस स्टार ने गदर 2 से 500 करोड़ के पार धमाका किया था, वो ‘जाट’ में आके फीके क्यों पड़ गए?
क्या फिल्म में दम नहीं था?
दम तो था, पर मसाला अधूरा था!
गोपीचंद मिलेननी ने डायरेक्शन में एक्शन, ड्रामा, फादर-सन इमोशन्स सब डाला… लेकिन वो देसी तड़का जो गदर में था ना – “फीलिंग वाला” – वो गायब था।
डायलॉग भारी, सनी पाजी दमदार, लेकिन कहानी में वो कड़कन नहीं थी जो गदर जैसा धमाका कर सके।
तो क्या सनी सिर्फ गदर के लिए ही बने हैं?
अरे नहीं भाई! सनी देओल लेजेंड हैं – लेकिन पब्लिक आजकल बहुत सेलेक्टिव हो गई है। उनको सिर्फ एक्टर नहीं, एक्सपीरियंस चाहिए। और ‘जाट’ वो फील नहीं दे पाया।
सवाल उठता है – वन टाइम वंडर?
देखो यार, एक बात तो साफ है – गदर 2 जैसी ब्लॉकबस्टर हर बार नहीं बनती। पर इसका ये मतलब नहीं कि सनी भाई का चार्म खतम हो गया। बस इस बार स्क्रिप्ट की गाड़ी डिरेल हो गई। अगली बार शायद फिर से ट्रैक पर आ जाए।
अब आगे क्या?
‘जाट’ के लिए वीकेंड ही आखिरी उम्मीद है। अगर वर्ड ऑफ माउथ में थोड़ी जान निकल आई, तो शायद कलेक्शन थोड़ा रफ्तार पकड़े… वरना ‘जाट’ साइलेंट होकर निकल जाएगा, और हम फिर से तारा सिंह का इंतज़ार करते रहेंगे।
सनी पाजी, पब्लिक आज भी आपसे प्यार करती है… लेकिन अगली बार कहानी ऐसी लाना कि फिर से सीटियां, तालियां और सोशल मीडिया पर वही पुराना क्रेज लौट आए!