Jaat movie Review: इडली से शुरू हुई लड़ाई, बुलडोजर बनकर लौटा सनी पाजी!
सनी देओल की जबरदस्त एक्शन फिल्म जाट सिनेमाघरों में धमाल मचा रही है।

रणदीप हुड्डा जैसे विलेन के सामने जब सनी पाजी आते हैं, तो सीटियाँ अपने आप बजती हैं। फिल्म में क्या है खास, और क्यों ये मूवी “ढाई किलो के हाथ” का असली मतलब समझाती है – जानिए इस रिव्यू में।
पहली प्लेट में थी इडली… फिर उड़ा धुआं!
कहानी की शुरुआत होती है एक छोटी सी बात से – गरमा गरम इडली गिरने से! लेकिन इस छोटी सी बात ने राणा तुंगा जैसे सनकी विलेन और सनी पाजी के अल्ट्रा प्रो मोड को एक साथ एक्टिवेट कर दिया। और फिर जो तूफान आता है, वो देखने लायक है।
हीरो vs विलेन – दोनों अपनी फुल फॉर्म में!
रणदीप हुड्डा ने राणा तुंगा का किरदार निभाया है – ऐसा पागल विलेन जो रावण की पूजा करता है और गर्दनें ऐसे उड़ाता है जैसे मच्छर। उधर सनी देओल को लोग बुलडोजर कहते हैं, और भाई जब ये दोनों आमने-सामने आते हैं तो सिनेमाघर में सीटियाँ गूंजने लगती हैं।
गोपीचंद की मास्टर डाइरेक्शन + थमन का धाकड़ म्यूजिक
डायरेक्टर गोपीचंद ने फिल्म में सनी पाजी को एकदम गरम लोहे की तरह प्रेजेंट किया है – कड़क, भारी, और फुल पावर में! वहीं म्यूजिक डायरेक्टर थमन ने बैकग्राउंड में ऐसा धमा-चौकड़ी किया है कि साउथ मूवीज वाली फीलिंग पूरी तरह आती है।
डायलॉग कम, धुलाई ज्यादा
फिल्म में डायलॉग्स कम हैं लेकिन जो हैं, वो सिटीमार हैं! असली मजा तो एक्शन में है – वो दीवारें टूटना, छत उड़ना, और हैंडपंप उखड़ना – वही पुराना देसी तड़का जिसे देखने के लिए पब्लिक टिकट लेती है।
फाइनल बात – देखो तो मजा आएगा!
अगर आप सनी देओल के फैन हो या फिर एक्शन-धमाका वाली फिल्मों के दीवाने हो, तो जाट आपको निराश नहीं करेगी। इमोशन भी है, मैसेज भी है, और सबसे बड़ी बात – ढाई किलो का हाथ है!
रेटिंग: 4.5/5 – सनी देओल ने फिर दिखा दिया कौन है असली “जाट”!